पुष्पौषधि
क्या हैं ?
कहा जाता है कि मन और विचार पर औषधि नहीं हैं !
लेकिन ऐसा नहीं है अब मन और विचार पर औषधि हैं। और इसका नाम पुष्पौषधि है।
मानसिक
चिन्तन से ही हम
भयंकर पित्त से पीड़ित होते
हैं और इसी से
अजीब मात्रा में गर्मी पैदा
होती है और गर्मी
से बाल झड़ते हैं,
पेट में जलन होती
है, पेट खराब रहता
है, बवासीर, मुंह में छाले,
छाले, पेशाब में जलन और
बेचैनी होती है। . जीवन अनिच्छुक हो
जाता है और अवसाद
उत्पन्न हो जाता है
इनका मूल मन
की स्थिति और निरंतर मानसिक
विचार हैं।
पुष्पौषधि
ही समस्या को कम करते
हैं।
पुष्पौषधि
वरदान हैं।
अगर आपको नीचे दी गई list में से कुछ तकलीफ हैं तो आपको पुष्पौषधी / Flower Remedy की सक्त जरूरत है ।
1 अकेलापन
2 बेचैनी
3 अनजाना डर
4 confidence की कमी
5 decision न ले पाना
6 बहोत घबराना
7 हमेशा पुरानी यादें याद करना
8 भविष्य की चिंता सताना
9 कार्य करते समय थकावट होना या फिर भूल जाना या फिर मन अस्थिर होना
10 सुबह उठने मे आलस्य आना
11 जागते हुवे सपने देखना
12 एक्स्ट्रा एनर्जी की वजह से काम में गडबडी होना
13 आंख जल्दी भर आना
14 office से आने के बाद बहोत ज़्यादा थक जाना
15 हमेश वही वही mistake दोहराना
16 concentration मे कमी
17 एक्स्ट्रा साफ सफाई करना
18 किसी भी चीज का डर सताना
19 anxiety , स्ट्रेस, डिप्रेशन आदि
20 बहोत डरावने सपने आना
इस
तरह से और भी मानसिक परेशानी है तो जरूर संपर्क करें। क्यों कि ये मानसिक परेशानियों से स्वास्थ्य समस्या शुरू हो सकती है ।
जिनमें आत्मविश्वास कम होता हैं, जो खुद की बात सही तरीके से नहीं कर सकते हैं और शर्मीले होने की वजह से दर्द और पीड़ा सहते रहते हैं।
फूलों से खुद के बारे में जो भी शंका या आत्मविश्वास की कमी होती है वह भावना दूर करने की दिशा में मदद मिलती है।
बहुत अधिक मन की अवस्थाएँ
होती हैं।
हालाँकि, आशा की किरण पुष्पौषधि है।
जीने में खुशी और उम्मीद
पुष्पौषधि से है।
कोई साइड इफेक्ट बिल्कुल
नहीं।
तो चलिए आज पुष्पौषधि खरीदते हैं और एक शानदार जीवन
जीते हैं।
पुष्पौषधि
इसमें
38 औषधियां हैं जो फूलों
से सिद्ध हुई हैं। ये सभी दवाएं
प्रकृति में प्राकृतिक हैं
और इनका कोई दुष्प्रभाव
नहीं है। इस विधि से व्यक्तित्व में परिवर्तन
आता है। इस विधि में व्यक्ति के अनुसार दवा
दी जाती है।
पुष्पौषधि के गुण
इसमें केवल 38 दवाएं हैं.
सभी दवाएं समझने में आसान हैं.
ये दवाएं तरल ( liquid ) रूप में उपलब्ध हैं.
इन दवाओं के खाने-पीने पर
कोई प्रतिबंध नहीं है।
इन पुष्पौषधी का कोई विरोध नहीं है यानी कहीं भी ऐसा कोई संकेत नहीं है कि 'ये दवाएं किसी को नहीं दी जानी चाहिए'।
ये सभी पर लागू होती हैं.. ये दवाएं किसी भी समय लेने पर काम करती हैं।
इसे भोजन से पहले या बाद में लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इसे चाय, कॉफी और पीने के पानी में मिलाया जा सकता है।
इसलिए इनका स्वाद नहीं बदलता है.. ये पुष्पौषधी बस पानी
में बूंद-बूंद करके लेनी हैं.. ये पुष्पौषधी रोग की प्रकृति के अनुसार रोजाना ली जाती हैं।
इन पुष्पौषधी को शिशुओं से लेकर बूढ़े तक कोई भी ले सकता है.. ये पुष्पौषधी एक्सपायर नहीं होती हैं।
ये कितने भी सालों तक रह सकते हैं..
ये पुष्पौषधी सुरक्षित
हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
डॉ. बैच फ्लावर थेरेपी में
स्वास्थ्य के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। डॉ. एडवर्ड बाख इस पद्धति के जनक हैं। सामान्य इलाज में मरीज से ज्यादा उनकी बीमारी को
माना जाता है। इसलिए बीमारी भले ही ठीक होती
दिख रही हो, लेकिन बीमारी की जड़ मानव शरीर में मजबूती से जमी हुई है। जब डॉ. बाख ने
यह अनुभव किया कि मनुष्य के मन में विभिन्न प्रकार की नकारात्मक भावनाएँ ही वास्तविक
रोग का कारण हैं ! उनका विश्वास था कि यदि उन नकारात्मक भावनाओं को नष्ट कर दिया जाए
तो मनुष्य निश्चय ही रोगमुक्त हो जाएगा।
प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों
के अनुसार चूंकि मनुष्य प्रकृति द्वारा निर्मित है, प्रकृति में निश्चित रूप से उनकी
नकारात्मक भावनाओं को नष्ट करने की शक्ति होगी !
व्यक्ति के मन का प्रभाव
विभिन्न लक्षणों के रूप में शरीर पर पड़ता है इसलिए यदि व्यक्ति का मन स्वस्थ है तो
स्वाभाविक रूप से शरीर स्वस्थ रहता है। लेकिन अगर मन अशांत है, लगातार तनाव में है,
अगर मन में विचार विकृत हैं ! अगर या तो बहुत ज्यादा हलचल होती है या फिर शिकायत करने
की प्रवृत्ति होती है, तो शरीर में मेटाबॉलिज्म ठीक नहीं रहता है। शारीरिक क्रम बदल
जाता है और परिणामस्वरूप शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय बढ़ जाता है और अम्लता,
सुस्ती, रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, अनिद्रा आदि की समस्या हो जाती है। इसी तरह के विकार होते हैं।
नकारात्मक विचारों को नष्ट
करने की डॉ. बच फूल चिकित्सा की शक्ति के कारण उन फूलों के अर्क से मन के दोष कम होते
हैं और मन शुद्ध होता है और शरीर एक अदृश्य शक्ति से भर जाता है।
यह एक बिल्कुल नई आधुनिक
उपचार पद्धति है जो बहुत ही शुद्ध, गैर विषैले, रसायन मुक्त और बहुत ही सरल है। चूंकि
जड़ी बूटी सीधे दिमाग की नकारात्मकता को प्रभावित करती है, इसलिए दवा अवांछित बड़ी
खुराक-ओवरडोज का कारण नहीं बनती है। आपात स्थिति में 10 मिनट के अंतराल में भी दवा
ली जा सकती है। पूर्णतः दुष्प्रभाव रहित होने के कारण यदि कोई अन्य औषधि (फूल) ली जाए
तो निश्चित रूप से कुछ भिन्न दुष्प्रभाव होना संभव नहीं है, केवल वांछित प्रभाव नहीं
दिखेगा।
पुष्पौषधी को तब भी लिया जा सकता है जब अन्य उपचारों की दवा व्यवस्था चल रही हो।
क्योंकि पुष्पौषधी से मन के
शुद्ध होने के बाद शरीर भी औषधि के अनुकूल हो जाता है !
पुष्पौषधी उपचार बहुत हानिरहित
सुरक्षित हैं फिर भी प्रभावी हैं और किसी के द्वारा भी इसका उपयोग किया जा सकता है। जैसे सूर्य के प्रकाश में बर्फ पूरी तरह पिघल जाती
है, वैसे ही मन में जो ऊर्जा-अवरोधन है, वह पुष्प में ऊर्जा के प्रवाह में घुल जाता
है।
चिंता मत करो। आपकी परेशानियां जरूर कम होंगी।
यदि आपको पुष्पौषधी की आवश्यकता
है या कोई प्रश्न हैं, तो कृपया निम्नलिखित नंबर पर संपर्क करें।
पुष्पौषधी तज्ञ
विनीत
95795868
Kitne ki h ye dva
ReplyDelete1250
Delete10/9/23 le leta
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